• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed
The Independent Media
  • Home
  • देश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • तकनीकी
    • करियर
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • तकनीकी
    • करियर
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
No Result
View All Result
The Independent Media
No Result
View All Result
Home राज्य छत्तीसगढ़

रायपुर : छींद कांसा जशपुर की एक खास धरोहर

News Desk by News Desk
June 1, 2025
in छत्तीसगढ़, राज्य
0
रायपुर : छींद कांसा जशपुर की एक खास धरोहर
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

रायपुर : छींद कांसा जशपुर की एक खास धरोहर
छींद कांसा जशपुर की एक खास धरोहर

’स्व सहायता समूह की 100 महिलाएं छिंद और कांसा से बना रही है सुन्दर और आकर्षक टोकरी

जिले और अन्य राज्यों के कोने-कोने से हमेशा बनी रहती है मांग

टोकरी बनाकर बन रही है लखपति दीदियाँ

रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व सहायता समूहों को मजबूत किया जा रहा है और उनको विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। जशपुर जिले के दूरस्थ अंचलों की महिलाओं के द्वारा छिंद कांसा से बनाई हुई टोकरी एवं अन्य उत्पाद काफी टिकाऊ एवं मनमोहक हैं। यह मूलतः जशपुर जिले के काँसाबेल विकासखण्ड की स्व सहायता समूह की दीदियों द्वारा बनाया जा रहा है और अच्छी आमदनी प्राप्त की जा रही है। चूकि यह अभ्यास लगभग 30 साल पुराना है परंतु इसमे उद्यमिता की छाप राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के प्रयास से संभव हो सका है।            

   वर्तमान मे लगभग 100 महिलाएं इस उद्योग में जुड़ी हैं और सतत् रूप से उत्पादन एवं विक्रय कार्य में लगी हुई है। आकर्षक एवं सुन्दर छिंद कांसा की टोकरी होने की वजह से जिले में और राज्य के कोने-कोने से इसकी सतत मांग बनी रहती है। जशपुर जिला उत्पादों की विशेष ब्रांड जशप्योर के बनने के पश्चात भारत के अन्य राज्यों से भी लगातार मांग बढ़ रही है, जिससे इस उद्योग में जुड़ी महिलयों में विशेष उत्साह नजर आ रहा है। छिंदकासा कार्य काँसाबेल विकासखण्ड के कोटानपानी ग्राम पंचायत के अधिकतर घरों की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है कोटानपानी ग्राम पंचायत मूलतःआदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं।

छिंद एवं कांसा का सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व-        
जशपुर के आदिवासी समुदाय मे विवाह, देवता पूजन, छठ पूजा आदि में छिंद कांसा का विशेष महत्व है। छिंद और कांसा घास से निर्मित टोकरी एवं उत्पाद प्राकृतिक और सांस्कृतिक प्रतीक होते हैं। वैसे छिंद कांसा टोकरी बनाने का प्रचलन लगभग 30 वर्ष पुराना है। इसके पूर्व सदियों से छिंद की चटाई बनाने का प्रचलन भारत के विभिन्न राज्यों मे व्याप्त रहा है।       
   
   कोटानपानी की दीदियों से बात करने पर उन्होंने बताया की मन्मति नाम की एक किशोरी बालिका आज से 25 वर्ष पूर्व समीप के विकासखंड फरसाबहार के ग्राम पगुराबहार में अपने नानी के घर गई थी और वहाँ अपनी ननिहाल की महिलाओं से टोकरी बनाने का कार्य सीखा। चूंकि यह एक नया प्रयोग था पूर्व मे केवल चटाई बनाई जाती रही है। इस कार्य मे विशेषता यह थी की टोकरी छिंद और कांसा घाँस से मिश्रित करते हुए टोकरी का ढांचा तैयार किया जाना था। छिंद को कांसा घास के साथ मिश्रित कर गोल आकार में तैयार किया जाना आसान और रोचक था। मन्मति अपने ननिहाल से लौटकर कोटानपानी में यह कार्य शुरू किया। पड़ोस की महिलाओं ने सुन्दर टोकरी निर्माण करते हुए मन्मति को देखा और कुछ महिलाएं भी इसे बनाने की इच्छा प्रकट कर सीखने लगी। कुछ महिलायें टोकरी बनाकर स्थानीय बाजार मे बेचना शुरू कर दी जिससे उन्हे कुछ लाभ प्राप्त हुए और ये सिलसिला लगभग 10 वर्षों तक चलता रहा। 2017 मे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका बिहान के स्व सहायता समूह का गठन शुरू हो गया। आजीविका गतिविधि सर्वेक्षण मे छिंद कांसा टोकरी निर्माण को ग्रहण किया गया और प्रशिक्षण, स्थानीय स्तर पर समूह को ऋण एवं बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रयास शुरू किए गए। प्रारंभ मे कुल तीन समूह, हरियाली, ज्ञान गंगा और गीता समूह यह कार्य करने लगे। 2019 में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड का आगमन हुआ और उनकी तरफ से 12 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।

   सर्वप्रथम बिहान मेला में टोकरी की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमे कोटानपानी ग्राम से लक्ष्मी पैंकरा और रिंकी यादव, बिहान के क्षेत्रीय समन्वयक आशीष तिर्की इस मेला मे सम्मिलित हुए। आज छिंद कांसा टोकरी की पहचान सारे भारत वर्ष मे है। मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन के सतत प्रयास से महिलायें अच्छा उत्पादन एवं विक्री कर लखपति दीदियाँ बन चुकी है। जिला प्रशासन, एनआरएलएम एवं छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के माध्यम से लगभग 15 समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर एवं 100 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। अब इन्हें इनके कार्य को सम्मान और पहचान दिलवाना है। यह टोकरी फल, पूजा सामग्री एवं उपहार सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है एवं आकर्षक होने की वजह से इसकी मांग जोरों पर है।

    छिंद सामान्य खजूर के पेड़ की पत्तियां हैं जिन्हें तोड़कर सूखा लिया जाता है। यह पत्तियां 2 तरह की होती है थोड़ी कठोर और मुलायम टोकरी निर्माण में थोड़ी कठोर किस्म छिंद उपयोग में लाए जाते हैं। मुलायम छिंद से चटाई बनाई जाती है। छिंद बारह मासी पेड़ है, जिस से आसानी से वर्ष भर उपलब्धता बनी रहती है। छिंद के वृक्ष सामान्यतः समीप के राज्य झारखंड तथा जशपुर जिले के कॉसाबेल और फरसाबहार विकासखण्ड मे बहुतायत में पाए जाते हैं। छिंद की पत्तियां एक बार काटने के उपरांत तीन महीने के इंतजार के बाद ही काटा जा सकता है।

    कांसा घास एक प्रकार का घास होता है और यह आस पास के खुले क्षेत्रों में और कम वर्षा वाले जमीन में बहुतायत मे प्राप्त हो जाता है। सामान्यतः जून के महीनों से शुरू होकर यह जुलाई या अगस्त माह की शुरुआत में काट कर सुरक्षित सूखा कर रख लिया जाता है। हरा चारा होने की वजह से मवेशिओ से बचाकर रखा जाता है। कोटानपानी की महिलाओं द्वारा छिंद एवं कांसा कच्चा माल के रूप मे पूर्व से ही एवं उचित समय पर संरक्षित रख लिया जाता है। “सावन में सांवा फूटे भादों मे कांसा‘‘ यह प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत यह संदेश भी देती है कि कांसा को भादों महीने के पहले काट लेना अन्यथा यह किसी काम का नहीं रहेगा। कांसा घास का उपयोग घाँस को सम्मिलित कर बेलनाकार बनाकर टोकरी को गोल नुमा आकार एवं मजबूती प्रदान करने के लिए होता है। छिंद की पत्तियों से कांसा के ऊपर लपेटकर आकर्षक रूप दिया जाता है।

Previous Post

राज्य निर्माण के बाद मोहला- मानपुर जिले में पहली बार हुआ राज्यपाल का आगमन

Next Post

राज्यपाल रमेन डेका ने मोहला मानपुर अंबागढ़ जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की ली बैठक

Next Post
राज्यपाल रमेन डेका ने मोहला मानपुर अंबागढ़ जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की ली बैठक

राज्यपाल रमेन डेका ने मोहला मानपुर अंबागढ़ जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की ली बैठक

विज्ञापन

विज्ञापन

Stay Connected test

  • 23.9k Followers
  • 99 Subscribers
  • Trending
  • Comments
  • Latest
पीतल की शीट के 2000 पन्नों पर उकेरा गया संविधान, वकील साहब का अद्भुत कारनामा

पीतल की शीट के 2000 पन्नों पर उकेरा गया संविधान, वकील साहब का अद्भुत कारनामा

January 27, 2025
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर के सहयोगी के घर पर हमला मामले में दो किशोर गिरफ्तार…

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर के सहयोगी के घर पर हमला मामले में दो किशोर गिरफ्तार…

February 10, 2024
बस्तर की बेटी यशस्वी सिंह ने नेशनल लेवल पर लहराया परचम!

बस्तर की बेटी यशस्वी सिंह ने नेशनल लेवल पर लहराया परचम!

April 13, 2025
मुख्यमंत्री के गृह ज़िले व स्वास्थ्य मंत्री के संभाग में स्वास्थ्य महकमा की घोर उदासीनता…निराला सर्जिकल सेंटर हॉस्पिटल का संचालन नर्सिंग एक्ट के नियमो का कर रहा उल्लंघन

मुख्यमंत्री के गृह ज़िले व स्वास्थ्य मंत्री के संभाग में स्वास्थ्य महकमा की घोर उदासीनता…निराला सर्जिकल सेंटर हॉस्पिटल का संचालन नर्सिंग एक्ट के नियमो का कर रहा उल्लंघन

June 19, 2024
रायपुर : ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरकृष्ण महताब की जयंती में शामिल हुए राज्यपाल श्री हरिचंदन

रायपुर : ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरकृष्ण महताब की जयंती में शामिल हुए राज्यपाल श्री हरिचंदन

0
रायपुर : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने कवर्धा जिले में मतगणना स्थल का किया निरीक्षण

रायपुर : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने कवर्धा जिले में मतगणना स्थल का किया निरीक्षण

0
रायपुर : सैनिक स्कूल अंबिकापुर में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन 16 दिसम्बर तक

रायपुर : सैनिक स्कूल अंबिकापुर में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन 16 दिसम्बर तक

0
रायपुर : राज्य दिवस पर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

रायपुर : राज्य दिवस पर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

0
छत्तीसगढ़ के 141879 किसानों को 152.84 करोड़ रुपये का दावा भुगतान….

छत्तीसगढ़ के 141879 किसानों को 152.84 करोड़ रुपये का दावा भुगतान….

August 10, 2025
बस्तर में बदलाव – उम्मीद और विकास की नई सुबह…

बस्तर में बदलाव – उम्मीद और विकास की नई सुबह…

August 10, 2025
दूरस्थ अंचलों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता :  मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय

दूरस्थ अंचलों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

August 10, 2025
छत्तीसगढ़ के 141879 किसानों को 152.84 करोड़ रुपये का दावा भुगतान

छत्तीसगढ़ के 141879 किसानों को 152.84 करोड़ रुपये का दावा भुगतान

August 10, 2025

हमारे बारे में

यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

Follow Us

हमसे सम्पर्क करें

संपादक - Pragya Tiwari
मोबाइल - 8305964926
ईमेल - [email protected]
कार्यालय - BALAJI WARD JAGDALPUR BASTAR C G
August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
« Jul    
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.